ट्रेन को हिंदी में क्या कहते हैं ? – Train Ko Hindi Mein Kya Kahate Hain

Train Ko Hindi Mein Kya Kahate Hain :- क्या जानते हैं, ट्रेन को हिंदी में क्या कहते हैं ? यदि नहीं तो इस लेख में अंत तक बनी रहे क्योंकि हम यहां आपको बताने वाले हैं, कि ट्रेन को शुद्ध हिंदी में क्या कहा जाता है और साथ ही साथ इससे जुड़ी कुछ और रोचक बातों से आपको अवगत कराएंगे।

ट्रेन को हिंदी में क्या कहते हैं ? – Train Ko Hindi Mein Kya Kahate Hain

Train अंग्रेजी भाषा में बोला जाने वाला एक शब्द है। लेकिन यदि बात करें ट्रेन को हिंदी में क्या कहा जाता है, तो आपको बता दें, कि हिंदी की आम बोल-चाल की भाषा में ट्रेन को रेल या रेलगाड़ी के नाम से जाना जाता है।

लेकिन यदि शुद्ध हिंदी भाषा की बात करें,  तो ट्रेन के कई नाम है यानी की शुद्ध हिंदी में ट्रेन को अलग-अलग नामों से जाना जाता है।  जैसे कि :-

  • लोह पथ आमिनी गामिनी आवत जावत
  • सकट यान चालित लोह पथ गामिनी
  • लोह पथ गामिनी

वैसे तो ऊपर बताए गए यह तीनों नाम शुद्ध हिंदी भाषा में बोले जाते हैं, लेकिन उनमें से सबसे ज्यादा लोकप्रिय नाम या यूँ कहे तो सबसे ज्यादा बोला जाने वाला नाम है ‘ लोह पथ गामिनी ‘।

लेकिन वर्तमान समय में ट्रेन को इस नाम से कोई नहीं जानता यानी कि हिंदी की सामान्य भाषा में बोला जाने वाला नाम रेल या रेलगाड़ी से ही ट्रेन को हिंदी भाषा में जाना जाता है।

लोह पथ गामिनी का क्या अर्थ है ?

जैसा कि हमने कहा की ट्रेन को शुद्ध हिंदी भाषा में लोह पथ गामिनी के नाम से जाना जाता है, लेकिन अब सवाल यह आता है, कि आखिर लोह पथ गामिनी का क्या मतलब होता है।

तो दोस्त आपको बता दें, कि यहां लोह पथ गामिनी में लॉक मतलब होता है, लोहे की पटरी तथा दामिनी का मतलब होता है, बाहर अर्थात लोहे की पटरी पर चलने वाला वाहन या गाड़ी आसान शब्दों में कहे, तो एक ऐसी गाड़ी जोकि लोहे से बनी पथ या पटरी पर चलती है।

बता देगी रेलगाड़ी को चलने के लिए दो लोहे की पटरी की जरूरत होती है यानी कि उन दो लोहे की पटरी के बिना रेलगाड़ी कभी भी नहीं चल सकती।

रेलगाड़ी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

ऊपर हमने Train Ko Hindi Mein Kya Kahate Hain के बारे में जाना , अब हम रेलगाड़ी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें के बारे में जानते है।

ट्रेन एक ऐसा वाहन है, जो सड़कों पर नहीं चल सकती इसे चलने के लिए दो लोहे की पटरी की आवश्यकता होती है और यह उन दो लोहे की पटरी की मदद से दूर दूर तक का सफर आसानी से तय कर लेती है।

आपको बता दें, कि पूरी दुनिया में सबसे पहले ट्रेन को 1804 में चलाया गया था यानी कि विश्व में ट्रेन की शुरुआत 1804 में हुई थी।

यदि भारत देश की बात करें, तो भारत में सबसे पहले 1853 में रेलगाड़ी की शुरुआत हुई थी यानी की तब पहली बार ट्रेन यहां चलाया गया था।

1804 से लेकर अब तक ना केवल भारत में ब्लकि विश्व भर की ट्रेन में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिले हैं। वर्तमान समय की बात करें, तो दुनिया में सबसे ज्यादा तेज दौड़ने वाली ट्रेन बुलेट ट्रेन है जिसे फिलहाल कोई भी अन्य ट्रेन मात नहीं दे सका है।

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