उपनाम ( Surname ) क्या होता है ? | Surname Kya Hota Hai

“सरनेम क्या होता है | सरनेम के नाम का अर्थ हिंदी में :- आपने बहुत सारे आदमियों और महिलाओं के नाम के आगे सरनेम देखे होंगे, जिसे हम टाइटल के नाम से भी जानते हैं और यह ख्याल आपके मन में जरूर आया होगा कि आखिर आदमी अपने नाम के आगे सरनेम क्यों लगाते हैं और सरनेम क्या होता है और उसे क्यों रखा जाता है।

अगर आपको इन सब के बारे में जानकारी नहीं है और आप इससे संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप इस लेख को अंत तक पढ़ते रहें, क्योंकि हम इस विषय पर चर्चा करने वाले हैं।”

सरनेम क्या होता है?

सरनेम नाम के अंत में एक टाइटल होता है जो किसी व्यक्ति की जाति, धर्म, या उनके पूर्वजों के पता चलने के लिए प्रयोग होता है।

अधिकांश लोग अपने सरनेम को अपने पूर्वजों के आधार पर रखते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति यादव है, तो उनके पूर्वज हमेशा से ही यादव नाम का प्रयोग करते रहे हैं, इसलिए व्यक्ति का नाम भी यादव होगा। इसी तरह, यदि कोई व्यक्ति राजपूत है, तो वह अपने नाम के अंत में राजपूत या ठाकुर का प्रयोग करेगा।

उदाहरण: अभिनव राजपूत, प्रीतम यादव, अमित राजपूत, आदित्य पटेल, रौशन सिंह, टिंकू महतो, हिमेश लाला, हिदायत अली, सोएब खान, यूसफ पठान आदि।

आप इन सभी नामों के अंत में लगने वाले सरनेम को देख सकते हैं, यह सभी व्यक्तियों के सरनेम हैं। लोग अलग-अलग सरनेम अपनाते हैं, क्योंकि हमारे देश में कई जाति और धर्म के लोग रहते हैं – वे अपने अनुसार सरनेम चुनते हैं।

कई मामलों में लोग अपने नाम को ही टाइटल रखते हैं, जैसे ज्योति प्रकाश, ओम प्रकाश आदि।

अब यहां आप कह सकते हैं कि इसमें कोई सरनेम नहीं होता है, लेकिन हम आपको बता दें कि इस तरह के कई नाम होते हैं – जिनमें कोई सरनेम नहीं होता है।

इसलिए, इसमें कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है, लोग अपने इच्छानुसार अपना सरनेम रखते हैं। लेकिन किसी व्यक्ति का नाम पूरा होता है, जब उसके अंत में कोई सरनेम होता है।

Surname meaning in Hindi | सरनेम का अर्थ क्या होता है?

Surname का meaning हिंदी में ” उपनाम / Upnam ” होता है, बहुत से लोग इसे अलग अलग नाम से जानते है।

जैसे कि :- उर्फ, कुलनाम, पदवी, तख़ल्लुस, सरनेम, ख़िताब, उपाधि, कुलनाम, सरनेम प्रमाणपत्र, सरनेम, कुलनाम, और इत्यादि बहुत सारे।

Surname में क्या डाल जाता है?

दोस्तों, हमने ऊपर के टॉपिक में जाना की Surname Kya Hota Hai और सरनेम का अर्थ क्या होता है। अब हम इस टॉपिक के माध्यम से जानेंगे, कि आखिर सरनेम में क्या क्या डाला जाता हैं?

लोग अपने सरनेम में जाति उपजाति और कुल और वंश और पूर्वजों के चलते आ रहे टाइटल को डालते हैं और उसी से अपना संबोध कर आते हैं। और उनकी पहचान भी उसी टाइटल से होती है, जिस टाइटल को उनके दादा परदादा यानी कि उनके पूर्वज रखते आए हैं।

उदाहरण के तौर पर :- जैसे मैं एक राजपूत हूं और मेरे पूर्वज हमेशा से अपने नाम के बाद राजपूत सरनेम लगाते आए हैं तो मैं भी अपने अगले आने वाले पीढ़ी के नाम के अंत में राजपूत ही लगाऊंगा, क्योंकि यही मेरा सरनेम है और यह मेरे पूर्वजों और कुल से मिला है।

शादी के बाद लड़कियों का सरनेम क्यो बदल जाता है?

शादी के बाद लड़कियों का सरनेम केवल भारत देश में ही नहीं बदला जाता है, बल्कि यह बहुत से देशों में होता है, कि शादी के बाद लड़कियों को अपने पति का सरनेम लगाना पड़ता है, ऐसा करने के पीछे बहुत सारे वजह है।

कई सारे लोगों का ऐसा कहना है, कि लड़कियों का सरनेम इसलिए बदल दिया जाता है, क्योंकि उन्हें उनके पति के घर में स्वीकार कर लिया जाता है और वह दूल्हे के घर का एक हिस्सा हो जाती है और दूल्हे के घर के हिसा होने के कारण सभी परिवार का सरनेम एक होता है।

तो इसीलिए उनका भी सरनेम इसी परिवार के हिसाब से हो जाता है और इससे ऐसा भावना व्यक्त होता है, कि दूल्हे वाले उस लड़की को अपने बेटी की तरह मानते हैं और उसे बहू के रूप में स्वीकार कर लिया चुका है।

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