Aasman Mein Kitne Taare Hain :- तारों से सजी आसमान को देख कर कोई भी यह नहीं बता सकता, कि Aasman Mein Kitne Taare Hain ( आसमान में कितने तारे हैं ? ) यह लोगों के लिए एक रहस्य ही है। क्योंकि आसमान में कितने तारे हैं ? इसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता।
लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है, जिसके जरिए यह पता लगाया जा सकता है, कि आसमान में कितने तारे हैं ? फिलहाल भले ही यह बात आपको विश्वसनीय ना लगे, लेकिन इस लेख में बने रहिए यहां आपको आपके सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे।
Aasman Mein Kitne Taare Hain ( आसमान में कितने तारे हैं ? )
जैसा कि सब जानते हैं, ब्रह्मांड में कई ऐसे रहस्य और अनसुलझी गुत्थियां मौजूद है, जिसे सुलझा पाना बहुत मुश्किल है। कई वैज्ञानिकों इन गुत्थियों को सुलझाने का काफी प्रयास किया है और इन्ही बातों को ध्यान में रखकर वैज्ञानिकों ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया था। जी हाँ और यह काम था, जिया टेलीस्कोप का निर्माण करना।
आपको बता दे, कि जिया टेलिस्कोप ना केवल आसमान में मौजूद सितारों की गिनती करता है, बल्कि उनके बारे में कई अनदेखे आंकड़े भी एकत्रित कर सकता है।
जानकारी के मुताबिक 10 हजार करोड़ आकाशगंगा पूरे ब्रह्मांड में मौजूद है और इन तमाम अकाश गंगा में तकरीबन 30000 करोड तारे हैं या हो सकता है, इससे अधिक भी हो।
ऐसा कहा जाता है, कि आज से लगभग 20 वर्ष पूर्व आसमान में तारों की संख्या लगभग एक करोड़ से भी कम थी, लेकिन समय अनुसार तारों में परिवर्तन हुआ, जिसकी वजह से आज तारों की संख्या काफी बढ़ गई है।
लेकिन यह बात तो थी, आकाशगंगा में मौजूद तारों की संख्या की पर यदि बात करें ब्रह्मांड में मौजूद उन तमाम तारों की संख्या की तो यह बता पाना मुश्किल है।
वैज्ञानिकों का कहना है, कि इस बात का भी पता लगाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आकाशगंगा में मौजूद तमाम तारों की संख्या को गुणा करना होगा। गुना करने के बाद हम कह सकते है, कि इसका परिणाम शायद 2 में 22 जीरो हो सकता है।
तारा क्या होता है ?
रात के समय में आसमान में जगमगाती और चमकती हुई चीजें तारे कहलाते हैं। बता दें, कि तारों का कोई आकार नहीं होता और ना ही उसका कोई वजन होता है।
तारों से धरती की दूरी बहुत ज्यादा होती है, जिस वजह से य़ह बहुत छोटे-छोटे दिखते हैं और आसमान में खूबसूरत लगते हैं।
यदि सही मायने में कहे तो तारे खगोलीय पिंड को कहते हैं। जी हाँ आपको बता दें, कि जिन खगोलीय पिंडों के पास अपना प्रकाश और ऊष्मा होता है जिन्हें वे उत्सर्जित करते हैं, उन खगोलीय पिंडों को ही तारा कहा जाता हैं।
दिन प्रतिदिन आसमान में इन खगोलीय पिंडो अर्थात तारों की संख्या बढ़ रही है। पूरे ब्रह्मांड में कितने तारे हैं इसकी कल्पना करना ही नामुमकिन है।
पृथ्वी से इन खगोलीय पिंडों को देखना काफी सुंदर और आकर्षक लगता है। धरती से अत्यधिक दूरी के कारण यह पूरे आकाश में छोटे-छोटे और चमकदार सी चीजें लगती हैं, जिन्हें लोग तारे कहते हैं।
तारों के बिना आसमान अधूरा सा लगता है, यह तारे ही हैं, जो रात के समय में आसमान को बेहद खूबसूरत बनाते है।