जैन धर्म के संस्थापक कौन थे? | jain dharm ke sansthapak kaun hai

नमस्कार दोस्तों, आप ने अपने जीवन के अंतर्गत जैन धर्म के बारे में तो जरूर सुना होगा, जैन धर्म का नाम आज के समय विश्व के सबसे प्रमुख धर्मों की सूची के अंतर्गत लिया जाता है। दोस्तों क्या आप जानते हैं कि जैन धर्म के संस्थापक कौन थे, यदि आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, तथा आप इसके बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इस विषय के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं कि जैन धर्म के संस्थापक कौन थे, हम आपको इस विषय से जुड़ी लगभग हर एक जानकारी इस पोस्ट के अंतर्गत शेयर करने वाले हैं। तो ऐसे में आज का की यह पोस्ट आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाली है, तो इसको अंत जरूर पढ़िए।

जैन धर्म के संस्थापक कौन थे? | Who was the founder of Jainism?

दोस्तो अक्सर कई अलग-अलग कंपटीशन एग्जाम के अंतर्गत यह सवाल पूछा जाता है, कि जैन धर्म के संस्थापक कौन थे, और बहुत लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है। यदि आपको भी इसके बारे में जानकारी नहीं है तो आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं जैन धर्म की शुरुआत काफी पहले की गई थी, तथा यह धर्म बौद्ध धर्म से काफी मिलता-जुलता है। इस जैन धर्म की स्थापना वर्धमान ज्ञानी पुत्तर या नटू पुत्र महावीर के द्वारा 599-527 इस वर्ष पहले की गई थी। वर्धमान ज्ञानी पुत्र को बुध के समकालीन जीना कहा जाता है, यानी कि आध्यात्मिक विजेता कहा जाता है।

जैन धर्म की शुरुआत कब हुई? | When did Jainism start?

अगर दोस्तों बात की जाएगी जैन धर्म की शुरुआत कब हुई थी, इसके बारे में अभी कोई कठोर जानकारी तो नहीं दी जा सकती है कि आखिर कब जैन धर्म की शुरुआत हुई थी। लेकिन कुछ ग्रंथों के अंतर्गत यह कहा गया है, कि जैन धर्म की शुरुआत 7 वि से 5 वि शताब्दी के बीच हुई थी। और साथ ही में यह भी बताया गया है, कि इसकी शुरुआत भारत के अंतर्गत गंगा बेसिन में हुई थी।

दुनिया का सबसे पहला धर्म कौन सा है? | Which is the world’s first religion?

अगर दोस्तों बात की जाए तो दुनिया का सबसे पहला धर्म कौन सा है, तो इसकी सूची के अंतर्गत हिंदू धर्म का नाम सबसे पहले आता है। हिंदू धर्म दुनिया का काफी पुराना धर्म माना जाता है, तथा इसकी शुरुआत काफी वर्ष पहले ही हो चुकी थी।

कैसे जैन आज की दुनिया में जैन धर्म की शिक्षाओं का पालन करते हैं? | How do Jains follow the teachings of Jainism in today’s world?

आज भी यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। जैन धर्म सिखाता है कि आत्मज्ञान का मार्ग अहिंसा के माध्यम से है और जितना संभव हो सके जीवित चीजों (पौधों और जानवरों सहित) को नुकसान कम से कम करना है। हिंदुओं और बौद्धों की तरह, जैन भी पुनर्जन्म में विश्वास करते हैं।

जैन धर्म की जाति क्या है? | What is the caste of Jainism?

जैन सम्प्रदाय में जाति का कोई महत्व नहीं है और न ही साहित्य में इसका कोई वर्णन मिलता है। इनकी रचना मात्र 1000 वर्ष पुरानी है। ओसवाल, पोरवाल, हमद, नेमा, नरसिंगपुर दिगंबर और श्वेतांबर दोनों संप्रदायों में पाए जाते हैं।

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