शारीरिक शिक्षा ( Sharirik Shiksha ) का परिभाषा, उद्देश्य, लाभ | Physical Education In Hindi

Sharirik Shiksha in Hindi | Physical Education In Hindi :- आपने अक्सर देखा होगा, कि हमें बचपन से ही अपने शरीर पर ध्यान रखने के लिए कहा जाता है और हमारे माता-पिता हमें मजबूत बनाने में लगे हुए होते हैं, और नई-नई शारीरिक शिक्षा के बारे में बताते हैं।

मगर क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है, कि शारीरिक शिक्षा का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ? शारीरिक शिक्षा किसे कहते है ? शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य क्या होता है और शारीरिक शिक्षा का लाभ क्या होता है ?

अगर आपको इन सब के बारे में नहीं मालूम है, तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहे, क्योंकि इस लेख में हम शारीरिक शिक्षा से जुड़ी हर एक जानकारी देने वाले हैं, तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुए।

शारीरिक शिक्षा का शाब्दिक अर्थ क्या है ?  | Sharirik Shiksha

शारीरिक शिक्षा का शाब्दिक अर्थ “शरीर से मिलने वाला ज्ञान / शरीर से संबंधित जानकारी” होता है, इसकी उत्पत्ति दो शब्दों से मिलकर होती है, और उन शब्दों में से पहले शब्द का नाम है – शारीरिक और दूसरे शब्द का नाम है – शिक्षा।

शारीरिक का अर्थ ” हमारा शरीर ” होता है और शिक्षा का अर्थ  ” सद्गुण ज्ञान ” होता है। शारीरिक शिक्षा को अंग्रेजी में ( Physical Education ) के नाम से जाना जाता है।

शारीरिक शिक्षा किसे कहते है ? | शारीरिक शिक्षा का परिभाषा

Sharirik Shiksha :- हम अपने शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए जो प्रक्रिया करते हैं या उस प्रक्रिया को दूसरे द्वारा कराई जाती है, वही शारीरिक शिक्षा होती है।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए, कि हम अपने शरीर को मजबूत करने के लिए कहीं जिम जाकर exercise करते हैं, तो वह भी शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत ही आता है।

शारीरिक शिक्षा भी अन्य शिक्षाओ की तरह हमारे प्राचीन काल से ही चलता आ रहा है, हम अपने पूर्वजों से देखते आए हैं, कि हमें अपने शरीर का ध्यान किस तरह से रखना चाहिए और किस तरह से इसे मजबूत बनाना चाहिए।

प्राचीन काल के एक शारीरिक विशेषज्ञ थे।  जिनका नाम ” चार्ल्स ए बूचर ” था। उनका कहना था, कि शारीरिक शिक्षा शिक्षा का एक अभिन्न अंग है, और शारीरिक शिक्षा का मूल तत्व शारीरिक गतिविधि है।

पहले प्राचीन काल में शारीरिक शिक्षा को एक आम शिक्षाओ की तरह पढ़ाया जाता था, मगर इसका कोई खास मान्यता नहीं था।

लेकिन कुछ समय बीतने के बाद वर्ष 1882 में कुछ विद्वानों के निर्णय के अनुसार भारतीय शिक्षा आयोग के द्वारा शारीरिक शिक्षा को मान्यता दी गई थी, और इसे पूरे भारत में प्रसारित किया गया था।

शारीरिक शिक्षा हमारे लिए क्यो आवश्यक है ? ( Need Of Physical Education )

ऊपर हमने जाना की Sharirik Shiksha का शाब्दिक अर्थ क्या है और शारीरिक शिक्षा किसे कहते हैं ? अब हम जानेंगे, कि शारीरिक शिक्षा हमारे लिए क्यों आवश्यक है ? तो चलिए शुरू करते है।

शारीरिक शिक्षा किसी भी मनुष्य के शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने के साथ-साथ उसके मानसिक और सामाजिक तथा नैतिक मूल्यों के विकास के लिए बहुत जरूरी होता है।

यह शिक्षा हमारे सभी शारीरिक अंगों के विकास के साथ-साथ खेल एवं तैराकी, कुश्ती, अपने शरीर की रक्षा करने हेतु और शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ रखने लिए और अपने शरीर को फुर्तीला बनाने के लिए तथा किसी भी जगह को मनोरंजन करने के लिए बहुत आवश्यक होता है।

शारीरिक शिक्षा का क्या लाभ है ? ( Benefits Of Sharirik Shiksha )

शारीरिक शिक्षा का पालन पूरे तरह से करने पर हमारे शरीर में कई सारे फायदा नजर आते हैं और उन सभी फ़ायदों को हमने नीचे में स्टेप बाय स्टेप करके लिखा है, तो आप उन्हें ध्यान से पढ़ें और उनके बारे में समझे।

1) शारीरिक शिक्षा हमारे शरीर और मानसिकता को स्वस्थ और मजबूत बनाने में बहुत मदद करती है।

2) शारीरिक शिक्षा को अपनाने पर हमारे शरीर के अंदर आनंद और सुख के भावनाओं महसूस होता हैं और हमारे शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा पैदा होती है।

3) शारीरिक शिक्षा में हार जीत के दौरान हमें अपने शरीर पर नियंत्रण एवं अनुशासन का गुण नजर आता है।

4) Sharirik Shiksha को अपना कर कोई भी व्यक्ति अपने शरीर को पूरी तरह से फुर्तीला रख सकता है और वह मानसिक तनाव से बच सकता है।

तो दोस्तों कुछ यही सब शारीरिक शिक्षा के लाभ हैं जो हमें प्राप्त होते हैं।

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