Tatsam Shabd Kise Kahate Hain :- आज हम जानने वाले है, की तत्सम शब्द किसे कहते है ?
तत्सम शब्द हिंदी व्याकरण के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है और हिंदी के परीक्षाओं में इससे जुड़ी हर दम सवाल पूछा जाता है, मगर कई सारे लोग ऐसे हैं, जिनको इसके बारे में तनिक भी जानकारी नहीं है।
तो उन सभी लोगों के लिए हमने इस लेख को लिखा है और इस लेख में तत्सम शब्द से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश की है, तो चलिए शुरू करते हैं।
Tatsam Shabd Kise Kahate Hain | तत्सम शब्द किसे कहते है ?
तत्सम शब्द उस शब्द को कहते हैं, जिन्हें संस्कृत भाषा से बिना कुछ बदलाव किए ज्यों का त्यों उठाकर के किसी अन्य भाषा में उपयोग कर लिया जाता है।
यही नही बल्कि उन शब्दों को प्रयुक्त या किसी वाक्य मे उपयोग करने के बाद भी उनके अर्थ और उनका उच्चारण में कोई परिवर्तन नहीं होता है, तो खास कर ऐसे शब्द ही तत्सम शब्द कहलाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि, हिंदी भाषा के बहुत से शब्द संग्रह संस्कृत भाषा से ही बने हुवे है और इसी से विकसित हुए हैं, ऐसे में संस्कृत भाषा के दो प्रमुख उप शब्दों से मिलकर के तत्सम शब्द बना है।
तत्सम शब्द का संधि विच्छेद करने पर दो शब्द बाहर आते है, जिसमें से पहला है – तत् और दूसरा है – सम् ।
तत् और सम् शब्द के मिलाप से बना हुआ तत्सम शब्द , का अर्थ भी उसके विभाजित किये गए अंगों पर निकलता है।
संस्कृत भाषा के अनुसार तत् शब्द का अर्थ होता है – ” उसके ” और सम् शब्द का अर्थ होता है – ” एक सामान “ यानी कि ज्यों का त्यों।
हिंदी भाषा में तत्सम शब्द का बहुत महत्व होता है, क्योंकि अधिकतम शब्द हिंदी भाषा का संस्कृत भाषा से ही उठाया गया है और उसका उपयोग डायरेक्ट हिंदी के वाक्य में किया जाता है, तो यह हिंदी व्याकरण के लिए और हिंदी भाषा के लिए काफी जरूरी है।
तत्सम शब्द की परिभाषा ? | Tatsam Shabd Ki Paribhasha
संस्कृत भाषा के ऐसे शब्द जिन्हें बिना कोई बदलाव के किसी अन्य भाषाओं में उपयोग कर लिया जाता है और उपयोग करने के बाद उस शब्द का ना ही उच्चारण बदलता है, ना ही लिखावट, तो वही तत्सम शब्द कहलाते हैं।
तत्सम शब्द की परिभाषा काफी सरल है, अगर आप ध्यान से इसे एक बार पढ़ लेते हैं, तो यह आपको अवश्य याद हो जाएगा।
तत्सम शब्द का उदाहरण
संस्कृति शब्द = तत्सम शब्द
- अग्नि = आग
- आश्चर्य = अचरज
- अमूल्य = अमोल
- अँधेरा = अंधकार
- अक्षि = आँख
- आम्र = आम
- अज्ञानी = अज्ञानी
- अंगरक्षक = अंगरखा
- आधा = अर्ध
- आलस्य = आलस
- अन्न = अनाज
- अश्रु = आँसू
- अर्द्ध = आधा
- अशीति = अस्सी
- अगम = अगम
- आश्रय = आसरा
- अकस्मात = अचानक
- अक्षर = अच्छर
- अमृत = अमिय
- आशीष = असीस
- अंध = अँधा
- ओष्ठ = ओंठ
- आरात्रिका = आरती
- अग्रणी = अगुवा
- अष्टादश = अठारह
- अक्षवाट = अखाडा
- अनर्थ = अनाड़ी
- अक्षोट = अखरोट
- अंगुष्ठ = अंगूठा
- अखिल = आखा
- अट्टालिका = अटारी
- अम्लिका = इमली
- अंचल = आंचल
- अंक = आँक
- अंगुली = ऊँगली
- अगणित = अनगिनत
- अंजलि = अँजुरी
- अमावस्या = अमावस
- अन्यत्र = अनत
- अद्य = आज
- आदित्यवार = इतवार
- अर्पण = अरपन
- अनार्य = अनाड़ी
- अज्ञान = अजान
- आश्विन = आसोज
- आभीर = अहेर
- आमलक = आँवला
- आश्रय = आसरा
- आभीर = अहेर
- आम्रचूर्ण = अमचूर
- आर्य = आरज
तत्सम शब्द की पहचान
ऊपर हमने जाना, कि Tatsam Shabd Kise Kahate Hain और तत्सम शब्द का उदाहरण क्या होता है और तत्सम शब्द का परिभाषा क्या होती है, अब हम जानेंगे, कि तत्सम शब्द की पहचान क्या होता है और इसे कैसे पहचाना जा सकता है, क्योंकि अक्सर बच्चे तत्सम और तद्भव में पहचान करना भूल जाते हैं, तो चलिए शुरू करते हैं।
तत्सम शब्द को पहचानना काफी आसान है, क्योंकि इसमें सिर्फ अक्षरों का मेला होता है। अगर आप इनमें मौजूद अक्षरों के मेल को पकड़ लेते हैं, तो आप तत्सम और तद्भव में अंतर समझ सकते है और जान सकते हैं, कि कौन सा शब्द तत्सम है और कौन सा शब्द तद्भव है।
(1) ‘ क्ष ‘ वर्ण तत्सम शब्दों के पीछे प्रयोग होता है।
(2) ‘ श्र ‘ का प्रयोग तत्सम शब्दों में होता है।
(3) ‘ श ‘ का प्रयोग तत्सम शब्दों में होता है ।
(4) ‘ ष ‘ वर्ण का प्रयोग तत्सम शब्दों में होता है।
(5) ‘ ऋ ‘ की मात्रा का प्रयोग तत्सम शब्दों में होता है।
(6) ‘ र ‘ की मात्रा का प्रयोग तत्सम शब्दों में होता है।
(7) ‘ व ‘ का प्रयोग तत्सम शब्दों में होता है ।
तो दोस्तों कुछ इन्हीं सभी अक्षरों के प्रयोग से आप पहचान सकते हैं कि कौन सा शब्द तत्सम है और कौन सा शब्द तद्भव है।